A Secret Weapon For Shodashi
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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in just how her mythology intertwines While using the spiritual and social material, supplying profound insights into the nature of existence and The trail to enlightenment.
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம்
They ended up also blessings to get materialistic blessings from distinctive Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he enlightened individuals Using the Shreechakra and as a way to activate it, just one has got to chant the Shodashakshari Mantra, which happens to be also called the Shodashi mantra. It is alleged to be equivalent to many of the 64 Chakras place with each other, along with their Mantras.
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
Shodashi’s influence promotes intuition, assisting devotees entry their interior knowledge and develop believe in in their instincts. Chanting her mantra strengthens more info intuitive talents, guiding people today towards decisions aligned with their highest excellent.
देवीं कुलकलोल्लोलप्रोल्लसन्तीं शिवां पराम् ॥१०॥
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।